बरसात में कच्चा और ठंड में मीठा आम
बरसात में कच्चा और ठंड में मीठा आम
कोईलवर: फलों का राजा आम किसे पसंद नहीं होगा। गर्मियों का मौसम आते ही लोग इसका इंतजार करने लगते हैं. इसकी कई प्रजातियां होती हैं, जिन्हें देखकर मुंह में पानी आ जाता है. कई लोग तो महीनेभर जमकर आम खाते हैं। लेकिन आज हम आपको आम के एक ऐसे पेड़ के बारे में बताने जा रहे हैं जो वर्षों से अजूबा बना हुआ है।
प्रखण्ड के कुल्हाड़ियां के कटहरी मोहल्ले के रहने वाले श्रीपति पासवान के बग़ीचे में अन्य पेड़ों में एक अजूबा आम का पौधा है। जिसमें आम के सीजन खत्म होने पर आम के मोजर लगना शुरू होते हैं और सितम्बर, अक्टूबर व नवम्बर तक फल लगते हैं। इस पौधे की खासियत यह है कि एक ओर फल लगे मिलते हैं तो दूसरी ओर नए मोजर देखने को मिलते हैं। श्रीपति पासवान बताते हैं कि यह पौधा उन्हें दशहरी के नाम पर मिला था जिसे उन्होंने एक नर्सरी से लाए थे। दशहरी, मालदा सहित लंगड़ा आम के वृक्ष हैं। बगीचे में अंगूर, घाघर निम्बू व कागजी निम्बू, अनार सहित अन्य वृक्ष लगे हैं। आलम ये है कि इस पेड़ को देखने के लिए लोगों का हुजूम उमड़ रहा है। ऐसे में ज़ाहिर है आप भी ये जानने के लिए उत्सुक होंगे। बता दें, कुल्हड़ियां में जिस आम के पेड़ की इतनी चर्चा हर तरफ हो रही है, उसे बेहद ही खास तरीके से लगाया गया था। इसे तैयार करने में करीब पांच साल का समय लगा और अब इस एक पौधे पर इस तरह आम आने लगे। यह आम का स्वाद भी शेष आमों से अलग है। खाने में बहुत मीठा और इसके अंदर के बीज भी बाहर छोटा होता है। इसका फल पकने पर पिला से लाल हो जाता है। श्रीपासवान के बगीचे में आम के अलावा घाघर नींबू जो छठ में तोड़े जाते हैं। अंगूर सहित फूल के पौधें हैं।
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