अवैध बालू खनन करने के आरोप में 20 लोग गिरफ्तार, 3 नाव भी जब्त
कोईलवर: थाना क्षेत्र के विभिन्न बालू घाटों पर विगत रात मंगलवार को जिला प्रशासन द्वारा सोन नदी में अवैध बालू खनन और परिवहन के विरुद्ध बड़ी कार्यवाही की गई। इस कार्यवाही में जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी सदर 2 रंजीत कुमार सिंह, सहायक निदेशक, जिला खनन पदाधिकारी राजेश कुमार कुशवाहा एवम थानाप्रभारी सुभाष कुमार मंडल साथ बीएमपी सशस्त्र बल संयुक्त रूप से छापेमारी की। यह कार्यवाही कोईलवर थाना क्षेत्र के कमालुचक, कचरा फैक्ट्री, सेमरा और सुरौधा टापू आदि जगहों पर की गई। इस छापेमारी में 20 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया। इसके साथ तीन नाव भी जब्त हुआ। सभी गिरफ्तार व्यक्तियों के विरुद्ध कोईलवर थाना में प्राथमिकी दर्ज की गई और जेल भेज दिया गया।
बता दें बरसात शुरू होने पर ग्रीन ट्रिब्यूनल एक्ट के तहत नदी के रेस्टोर के लिए खनन पर प्रतिबंध लगाया जाता है। ताकि खनन से घटी हुई रेत का पुनः भंडारण नदी खुद कर ले। एनजीटी के नियमानुसार वर्षा के मौसम में हर साल की तरह इस साल भी सोन नदी से बालू का खनन बंद है। नियमानुसार जबतक नदी में बरसात का पानी रहता है तब तक खनन बन्द रहता है। इसमें तीन से चार माह के लिए खनन पर रोक रहती है। लेकिन माफिया सभी नियमों को ताख पर रखकर नदी में नावों के द्वारा खनन में लगे रहते हैं। क्योंकि बरसात के महीने में नदी में मोटे रेत मिलते हैं जिससे मकान बनाने के लिए छत की ढलाई के लिए यह बालू उपयुक्त मानी जाती है और मोती रकम में कमाई होती है। अन्य दिनों में मध्यम और निम्न किस्म के रेत मिलते हैं जिससे बाजार में इसकी कीमत कम मिलती है। दूसरी ओर बरसात में कई जगहों पर मजदूरों के लिए रोजीरोटी के लिए लाले पड़ जाते हैं। जिसका फायदा उठाकर माफिया इन्हें ज्यादा पैसे देने के बात कहकर नदी में भेज देते हैं।
बरसात में नदी में खनन रोकने के लिए प्रशासन के भी पसीने छूट जाते हैं। एक तेज धारा दूसरा कारण संसाधनों का अभाव। इसी का फायदा उठाकर माफिया नदी के तेज धारा में खनन करने आते हैं। कई बार खनन के दौरान प्रिय घटनाएं भी सामने आती रहती है। लेकिन विगत रात खनन माफियाओं पर प्रशासन का जोरदार डंडा पड़ा।
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